प्रवेश संबंधी नियम
 

प्रवेश तिथि:

छत्तीसगढ़ शासन के शिक्षा विभाग तथा विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित तिथि तक महाविद्यालय में प्रवेश के इच्छुक छात्र-छात्रा को प्रवेश समिति के साक्षात्कार के लिए उपस्थित होना अनिवार्य है। प्रवेश समिति द्वारा छात्रों की योग्यता प्रवीणता तथा साक्षात्कार के आधार पर चयन कर तथा प्राचार्य की स्वीकृति मिल जाने पर छात्र-छात्रा को प्रवेश मिल सकेगा। प्रवेश की स्वीकृति मिलते ही छात्र/छात्रा को 24 घंटे के भीतर अथवा निर्दिष्ट समय में प्रवेश शुल्क पटाना होगा।

प्रवेश पात्रता:

विश्वविद्यालय अधिनियम 8 के अनुसार महाविद्यालय में निम्नलिखित योग्यता वाले छात्र-छात्रा प्रवेश पा सकेंगे –
1. बी.ए.,.,बी.एस.-सी. भाग-1
माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर (छ.ग.) या किसी माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित उच्चतर माध्यमिक
परीक्षा 12वीं उत्तीर्ण हो या विश्वविद्यालय द्वारा मान्य समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण हो।

2. बी.ए., बी.एस.सी. .भाग-2
क. बी.ए., , बी.एस-सी.भाग-1 की परीक्षा उत्तीर्ण हो। या
ख. विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण हो।

3. बी.ए. , बी.एस.सी. .भाग-3
क. बी.ए. , बी.एस.सी. भाग-3 की परीक्षा उत्तीर्ण हो। या
ख. समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण हो

4. स्नातकोत्तर में एम.ए. (Ist Semester) हेतु स्नातक उत्तीर्ण हो ।

प्रवेश के नियम

1. महाविद्यालय में प्रवेश पाने के इच्छुक प्रत्याशी को निर्धारित आवेदन पत्र भरकर देना होगा। आवेदन पत्र छात्र एवं पालक के हस्ताक्षर से जमा करना अनिवार्य है।
2. आवेदन पत्र के साथ निम्नलिखित प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य है।
        (1) स्थानांतरण प्रमाण पत्र
        (2) अंकसूची (अंतिम परीक्षा दो प्रतियां)में स्वयं द्वारा अभिप्रमाणित सत्य प्रतिलिपि/ फोटो स्टेट कापी।
        (3) चरित्र प्रमाण पत्र नियमित छात्रों को पूर्व के प्राचार्य के द्वारा हस्ताक्षरित चरित्र प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। स्वाध्यायी छात्रों के लिए किन्हीं दो उत्तरदायी नागरिकों से चरित्र प्रमाण-पत्र संलग्न करना होगा। चरित्र प्रमाण-पत्र की मूल प्रति ही संलग्न करें।
        (4) प्रवजन प्रमाण पत्र की मूल प्रति गुरू घासीदास विश्वविद्यालय,बिलासपुर परिसीमा के बाहर से आये छात्रों के लिए।
        (5) अंतिम परीक्षा के प्रमाण पत्र की मूल प्रति आवश्यकता पड़ने पर महाविद्यालय कार्यालय में प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
        (6) पासपोर्ट आकार के दो फोटो।
        (7) जाति प्रमाण पत्र केवल अनु.जाति, अनु.जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए किसी राजस्व अधिकारी या तहसीलदार द्वारा प्रदत्त।
        (8) जन्म तिथि प्रमाण पत्र इसके लिए उच्चतर माध्यमिक परीक्षा के प्रमाण पत्र पर अंकित तिथि मान्य होगी ।

नोट:

1. अनुत्तारिर्ण, पूरक तथा विश्वविद्यालयीन परीक्षा मे नकल करते पकडे़ गये छात्रा ंे को महाविद्यालय मे प्रवेश नहीं दिया जायेगा।
2. अपूर्ण, असत्य एवं भ्रामक जानकारी के आधार पर प्राप्त प्रवेश सूचना प्राप्त होते ही निरस्त कर दिया जायेगा एवं उसका दायित्व छात्र का होगा, ऐसी स्थिति में उसके द्वारा जमा की गई राशि वापस नहीं की जायेगी।
3. उपर्युक्त प्रमाण पत्र के अभाव में प्रवेश रद्द हो जायेगा।
4. छात्र का आचरण अर्हता आदि से संबंधित आपत्ति होने पर प्राचार्य ऐसे प्रत्याशियों को महाविद्यालय में प्रवेश के लिए अपात्र घोषित कर सकते हैं।
5. महाविद्यालय के शुल्क एवं आवश्यक प्रपत्र प्रस्तुत करने पर ही छात्र का प्रवेश स्थाई समझा जायेगा। महाविद्यालय को यह अधिकार होगा कि बिना कारण बताये प्रवेश से वंचित कर दे या प्रवेश ही रद्द कर दे।
6. जिस छात्र का प्रवेश स्वीकार हो जायेगा उसे एक प्रवेश पत्र/परिचय पत्र कार्यालय से दिया जायेगा। इन दोनों को वर्ष भर सुरक्षित रखना चाहिए।
7. आवेदन पत्र में छात्र का नाम सही होना चाहिये जो उच्चतर माध्यमिक शाला परीक्षा प्रमाण पत्र या अंकसूची में अंकित हो। नाम परिवर्तन के इच्छुक छात्र /छात्रा को पांच रूपये के नान ज्युडिशियल स्टाम्प में प्रथम श्रेणी न्यायाधीश की अदालत में शपथ पत्र देकर नत्थी करना होगा।
8. छात्र द्वारा आवेदन पत्र में दर्शाये स्थायी एवं वर्तमान पते में यदि किसी प्रकार का परिवर्तन होता है, तो उसकी सूचना प्राचार्य को तत्काल देना अनिवार्य है।
9. छत्तीसगढ़ षासन उच्च षिक्षा विभाग से प्राप्त प्रवेष नियमों का पालन किया जावेगा ।

प्रवेश की पात्रता
निवासी एवं अर्हकारी परीक्षा

क. छत्तीसगढ़ के मूल/स्थायी, छ.ग. में स्थायी सम्पत्तिधारी निवासी/राज्य या केन्द्र सरकार के शासकीय कर्मचारी, अर्धशासकीय कर्मचारी तथा प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी के कर्मचारी, राष्ट्रीयकृत बैंको तथा भारत सरकार द्वारा संचालित व्यवसायिक संगठनों के कर्मचारी जिनका पंदाकन छत्तीसगढ़ में है । उनके पुत्र/पुत्रियों एवं जम्मू कश्मीर के विस्थापितो तथा उनके आश्रितो को ही शासकीय महाविद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा। उपरोक्तानुसार प्रवेश देने के पश्चात भी स्थान रिक्त होने पर अन्य राज्यों के मान्यता प्राप्त बोर्ड एवं अर्हकारी परीक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थियो को नियमानुसार गुणानुक्रम के आधार पर प्रवेश दिया जा सकता है।
ख. सम्बद्ध वि.वि. से या सम्बद्ध वि.वि. द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालयों और वि.वि. से अर्हकारी परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को ही महाविद्यालय में प्रवेश की पात्रता होगी।

स्नातक स्तर, नियमित प्रवेश:

क. 10+2 परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को स्नातक स्तर प्रथम वर्ष में नियमित प्रवेश की पात्रता होगी। किन्तु वाणिज्य व कला संकाय के विद्यार्थियो को विज्ञान संकाय में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। बी. एस.सी. (गृहविज्ञान) प्रथम वर्ष में किसी भी संकाय से उत्तीर्ण छात्रा को प्रवेश की पात्रता होगी।
ख. स्नातक स्तर की प्रथम/द्वितीय परीक्षा उत्तीर्ण आवेदको को उन्हीं विषयों की क्रमशः द्वितीय/तृतीय वर्ष में नियमित प्रवेश की पात्रता होगी। स्नातक द्वितीयस्तर पर विषय परिवर्तन की पात्रता नहीं  होगी।

स्नातकोत्तर स्तर नियमित प्रवेश:-

क. बी.काॅम./बी.एस.सी. (गृहविज्ञान)/बी.ए. स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को क्रमशः एम.काॅम/ एम.एस.-सी (गृहविज्ञान)/एम.ए.पूर्व प्रथम सेमेस्टर एवं आवेदित विषय लेकर बी.एस.-सी उत्तीर्ण आवेदकों को एम.एस.सी./एम.ए. पूर्व में नियमित प्रवेश की पात्रता होगी।
ख. स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष /प्रथम सेमेस्टर उत्तीर्ण आवेदकों को उसी विशय के स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष में नियमित प्रवेश की पात्रता होगी। सेमेस्टर पद्धति की पूर्ण अर्हकारी परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को अगले सेमेस्टर में नियमित प्रवेश की पात्रता होगी।


शुल्क विनिमय

1. एक बार कोई शुल्क पट जाने के बाद वह किसी भी प्रकार वापस नहीं हो सकेगा।
2. एक बार किसी छात्र का महाविद्यालय में प्रवेश हो जाने के पश्चात् शासकीय अनुदान नियमों के अनुसार उसे पूरे सत्र का सभी शुल्क पटाना पड़ेगा, चाहे वह जिस तिथि को प्रवेश ले एवं महाविद्यालय छोड़ दें।
3. संस्था छोड़ने के दो वर्ष बाद किसी प्रकार की राशि वापस नहीं की जायेगी।
4. छात्रों को सलाह दी जाती है कि शुल्क पटाने के बाद रसीद का ठीक से निरीक्षण करें तथा उसे प्रमाण स्वरूप सुरक्षित रखें। जो भी शुल्क या किसी प्रकार की अन्य धनराशि इस महाविद्यालय में किसी भी छात्र या व्यकित के द्वारा जमा की जाये, उसकी रसीद नियमानुसार प्राप्त कर लेनी चाहिए। अन्यथा उसका उत्तरदायित्व जमा करने वाले व्यक्ति का ही होगा।
5. परीक्षा फार्म जमा करने के पूर्व विश्वविद्यालयीन शुल्क भी जमा करना होगा।

आरक्षण
छ.ग. शासन की आरक्षण नीति के अनुरूप निम्नानुसार होगा:–

1 प्रत्येक षैक्षणिक सत्र में प्रवेष में सीटों का आरक्षण, तथा किसी षैक्षणिक संस्था में इसका विस्तार निम्नलिखित रीति से होगा, अर्थात:-
क. अध्ययन या संकाय की प्रत्येक षाखा मे वार्शिक अनुज्ञप्त संख्या मे से बत्तीस प्रतिषत सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित रहेंगी।
ख. अध्ययन या संकाय की प्रत्येक षाखा में वार्शिक अनुज्ञप्त संख्या मे से बारह प्रतिषत सीटें अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित रहेगी।
ग. अध्ययन या संकाय की प्रत्येक षाखा में वार्शिक अनुज्ञप्त संख्या में से चैदह प्रतिषत सीटें अन्य पिछड़े वर्गो के लिए आरक्षित रहेगी। परन्तु जहा अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित सीटें पात्र विद्यार्थियों की अनुपलब्धता के कारण अंतिम तिथियों पर रिक्त रह जाती हैं, तो इसे अनुसूचित जातियों से तथा विपरीत क्रम में पात्र विद्यार्थियों में से भरा जाएगा। परन्तु यह और कि पूर्वगामी परंतुक में निर्दिश्ट व्यवस्था के पष्चात भी, जहा खण्ड क. ख. तथा ग. के अधीन आरक्षित सिटें, अंतिम तिथियों पर रिक्त रह जाती हैं, तो इसे अन्य पात्र विद्यार्थियों से भरा जाएगा।
.2 (1) बिन्दु क्र. 12.1 के खण्ड क. ,ख. ,तथा ग के अधीन उपलब्ध सीटों का आरक्षण उध्र्वाधर (वर्टीकल) रूप से अवधारित किया जाएगा।
(2) निःषक्त व्यक्तियों, महिलाओं, भूतपूर्व कार्मिको, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बच्चों या व्यक्तियों के अन्य विषेश वर्गो के संबंध में क्षैतिज आरक्षण का प्रतिषत ऐसा होगा, जैसा कि राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए अधिसूचित किया जाए, तथा यह बिन्दु क्र. 2.1 के खण्ड क. ख. तथा ग. के अधीन यथास्थिति, उध्र्वाधर आरक्षण के भीतर होगा।
3 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के पुत्र-पुत्रियों तथा विकलांग श्रेणी के आवेदकों के लिये संयुक्त रूप से 3%  स्थान आरक्षित रहेगें। विकलांग आवेदकों को प्राप्तांको का 10% अंको का अधिभार देकर दोनों वर्गो का सम्मिलित गुणानुक्रम निर्धारित किया जावेगा।
4 सभी वर्गो में उपलब्ध स्थानों में से 3% स्थान महिला छात्राओं के लिये आरक्षित रहेगा।
5 आरक्षित श्रेणी का कोई उम्मीदवार अधिक अंक पाने के कारण सामान्य श्रेणी ओपन काम्पीटीशन में नियमानुसार मेरिट सूची में रखा जाता है, तो आरक्षित श्रेणी की सीटें यथावत अप्रभावित रहेंगी, परन्तु ऐसा विद्यार्थी किसी संवर्ग जैसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आदि का भी है तो संवर्ग की यह सीट उस आरक्षित श्रेणी में भरी मानी जावेगी, शेष संवर्ग की सीटे भरी जाएगी।
6 आरक्षित स्थान का प्रतिशत 1/2 से कम आता है तो आरक्षित स्थान उपलब्ध नहीं होगा। 1/2 प्रतिशत एवं 1 प्रतिशत के बीच आने पर आरक्षित स्थान की संख्या एक होगी।
7 समय-समय पर शासन द्वारा जारी आरक्षण नियमों का पालन किया जाए।

अस्थायी प्रवेश की पात्रता

अस्थायी प्रवेश की पात्रता रखने वाले विद्यार्थियों को प्रवेश हेतु निर्धारित अंतिम तिथि के पूर्व अस्थायी प्रवेश लेना अनिवार्य होगा।
1 स्नातक स्तर की प्रथम/द्वितीय परीक्षा में एक विषय में पूरक परीक्षा (कम्पार्टमेंट) प्राप्त आवेदकों को अगली कक्षा में अस्थायी प्रवेश की पात्रता होगी।
2 स्नातकोत्तर सेमेस्टर प्रथम/द्वितीय/तृतीय में पूरक/एटी-केटी प्राप्त आवेदकों को अगली कक्षा में अस्थायी प्रवेश की पात्रता होगी।
3 विधि स्नातक प्रथम/द्वितीय में निर्धारित एग्रीगेट 48%  पूरा न करने वाले या पूरक प्राप्त आवेदाकों को अगली कक्षा में अस्थायी प्रवेष की पात्रता होगी।
4 पूरक परीक्षा में अनुत्तीर्ण अस्थायी प्रवेश छात्र/छात्राओं का अस्थायी प्रवेश स्वतः निरस्त हो जाएगा। उत्तीर्ण होने पर अस्थायी प्रवेश नियमित प्रवेश के रूप में मान्य किया जावेगा।

अध्ययन/परीक्षा संबंधी नियम:
अध्ययन संबंधी नियम:

1. प्रत्येक विषय में विद्यार्थी की 75प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होगी तथा यह एन.सी.सी./एन.एस.एस. में भी लागू होगी अन्यथा उन्हें वार्शिक परीक्षा में बैठने की पात्रता नहीं होगी ।
2. विद्यार्थी प्रयोगशाला में उपकरणों का उपयोग सावधानी पूर्वक करेंगे । उनकों स्वच्छ रखेंगे ।
3. ग्रंथालय द्वारा स्थापित नियमों का पूर्णतः पालन करेंगे , उन्हें निर्धारित संख्या में सही पुस्तकें, प्राप्त होगी तथा समय से नहीं लौटने पर निर्धारित दण्ड देना होगा ।
4. अध्ययन से सम्बन्धित किसी भी कठिनाई के समाधान लिये वह गुरूजनों के समक्ष अथवा प्राचार्य के समक्ष शांतिपूर्वक ढंग से अभ्यावेदन प्रस्तुत करेंगे ।
5. व्याख्यान कक्षों, प्रयोगशालाओं या वाचनालय में पंखे, लाईट, फर्नीचर, इलेक्ट्रिक फिटिंग आदि का तोड़फोड़ करना दण्डात्मक आचरण माना जायेगा ।

 

परीक्षा सम्बंधी नियम:

1. विद्यार्थी को सत्र के दौरान होने वाली सभी इकाई परीक्षाओं, त्रैमासिक तथा अर्द्धवार्शिक परीक्षाओं में सम्मिलित होना अनिवार्य है ।
2. अस्वस्थतावश आंतरिक परीक्षाओं में सम्मिलित न होने की स्थिति में विद्यार्थी शासकीय चिकित्सक से मेडिकल सर्टिफिकेट प्रस्तुत करेंगे तथा स्वस्थ होने के उपरांत परीक्षा देंगे । 
3. परीक्षा में या उसके सम्बंध में किसी प्रकार के अनुचित लाभ होने या अनुचित साधनों का प्रयोग करने का प्रयत्न गंभीर दुराचरण माना जायेगा । जिस पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी ।

आचरण – संहिता एवं सामान्य नियम

छत्तीसगढ़ के शासकीय महाविद्यालय में विद्यार्थियों के लिये आचरण – संहिता सामान्य नियम

छत्तीसगढ़ के शासकीय महाविद्यालय में प्रेवश  लेने वाले विद्यार्थियों को महाविद्यालय के नियमों का अक्षरशः  पालन करना होगा । इनका पालन न करने पर वे शासन द्वारा निर्धारित दण्डात्मक कार्यवाही के भागीदार होंगे ।

1. विद्यार्थी शालीन वेश-भूषा में महाविद्यालय में आयेंगे । किसी भी स्थिति में उनकी वेश भूशा उत्तेजक नहीं होनी चाहिये ।
2. प्रत्येक विद्यार्थी अपना पूर्ण ध्यान अध्ययन में लगायंेगा, साथ ही महाविद्यालय द्वारा आयोजित पाठ्येत्तर गतिविधियों को भी पूरा सहयोग प्रदान करेंगे ।
3. महाविद्यालय परिसर में वे शालीन व्यवहार करेंगे, अभद्र व्यहवार, असंसदीय भाषा का प्रयोग वाली गाली-गलौच, मारपीट या आग्नेय अस्त्रों का प्रयोग नहीं करेंगे ।
4. प्रत्येक विद्यार्थी अपने शिक्षको , अधिकारियों एवं कर्मचारियों से नम्रता एवं भद्रता का व्यवहार करेगा।
5. महाविद्यालय परिसर को स्वस्छ बनाये रखना प्रत्येक विद्यार्थी का नैतिक कर्तव्य है, वह सरल निव्र्यसन और मितव्ययी जीवन निर्वाह करेंगे ।
6. महाविद्यालय की सीमाओं में किसी भी प्रकार के मादक पदार्थो का सेवन सर्वथा वर्जित है ।
7. महाविद्यालय में इधर-उधर थूकना, दीवालों को गंदा करना या गंदी बातें लिखना सख्त मना है। विद्यार्थी असामाजिक तथा आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाये जाने पर कठोर कार्यवाही की जायेगी।
8. विद्यार्थी अपनी मांगो का प्रदर्श न आंदोलन हिंसा या आतंक फैलाकर नहीं करेगा । विद्यार्थी अपने आप को दलगत राजनीति से दूर करेंगे तथा अपनी मांगों को मनवाने के लिये राजनीतिक दलों, कार्यकर्ताओं अथवा समाचार पत्रों का सहारा नहीं लेंगे ।
9. महाविद्यालय परिसर में मोबाईल का उपयोग पूर्ण प्रतिबंधित रहेगा ।

अध्ययन संबंधी नियम:

1. प्रत्येक विशय में विद्यार्थी की 75 प्रतिश त उपस्थिति अनिवार्य होगी तथा यह एन.सी.सी./एन.एस.एस. में भी लागू होगी अन्यथा उन्हें वार्शिक परीक्षा में बैठने की पात्रता नहीं होगी ।
2. विद्यार्थी प्रयोगशाला में उपकरणों का उपयोग सावधानी पूर्वक करेंगे । उनकों स्वच्छ रखेंगे ।
3. ग्रंथालय द्वारा स्थापित नियमों का पूर्णतः पालन करेंगे , उन्हें निर्धारित संख्या में सही पुस्तकें, प्राप्त होगी तथा समय से नहीं लौटने पर निर्धारित दण्ड देना होगा ।
4. अध्ययन से सम्बन्धित किसी भी कठिनाई के समाधान लिये वह गुरूजनों के समक्श  अथवा प्राचार्य के समक्श  शातिपूर्वक ढंग से अभ्यावेदन प्रस्तुत करेंगे ।
5. व्याख्यान कक्षों , प्रयोगशालाओं या वाचनालय में पंखे, लाईट, फर्नीचर, इलेक्ट्रिक फिटिंग आदि का तोड़फोड़ करना दण्डात्मक आचरण माना जायेगा ।

महाविद्यालय प्रशासन का अधिकार क्षेत्र –

1. यदि छात्र अनैतिकता मूलक या गंभीर अपराध में अभियुक्त पाया गया तो उसका प्रवेष तत्काल निरस्त कर दिया जायेगा ।
2. यदि छात्र रैगिंग में लिप्त पाया गया तो छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्थानों में प्रताड़ना प्रतिषेध अधिनियम , 2001 के अनुसार रैगिंग किये जाने पर अथवा रैगिंग के लिये प्रेरित करने पर 5 साल तक कारावास की सजा या 5 हजार रूपये जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है ।
3. यदि विद्यार्थी समय-सीमा में शुल्क का भुगतान नहीं करते तो उनका नाम काट दिया जायेगा ।
4. यदि विद्यार्थी प्रार्थना पत्र अथवा आवेदन में तथ्यों को छिपायेगा अथवा गलत प्रस्तुत करेगा तो उसका प्रवेष निरस्त कर उन्हें महाविद्यालय से पृथक कर दिया जायेगा ।
5. महाविद्यालय में प्रवेष लेने हेतु विद्यार्थी द्वारा प्रस्तुत किये गये आवेदन पत्र में उनके पालक अभिभावक का घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य है ।

संस्था छोड़ने हेतु नियम

यदि कोई छात्र मध्य सत्र में संस्था त्यागने और दूसरी संस्था में प्रवेश लेने की इच्छा करता है तो उसे विश्वविद्यालय अधिनियमानुसार निम्न कार्यवाही पूरी करनी होगी।
(अ) संस्था त्यागने के उद्देश्य की लिखित सूचना करनी होगी।
(ब) समस्त शुल्कों को जमा करना होगा।
(स) उक्त सम्पूर्ण सत्र का पूर्ण शुल्क उसे महाविद्यालय को देना पड़ेगा।
(द) महाविद्यालय से प्राप्त अन्य सहायता, निःशुल्क शिक्षा या छात्रवृत्ति आदि की राशि लौटानी होगी।
(च) निःशेष प्रमाण-पत्र (No Dues Certificate) प्रस्तुत करना होगा।
(छ) स्थानांतरण प्रमाण-पत्र या आचरण प्रमाण-पत्र की दूसरी प्रति चाहने वाले छात्रों को 10/- रूपये जमा करना होगा।
(ज) समावधान निधि की वापसी महाविद्यालय छोड़ने पर टी.सी. लेते समय ही होगी बशर्ते अपनी रसीद प्रस्तुत करें।
समावधान निधि की वापसी महाविद्यालय छोड़ने के छः माह बाद नहीं की जायेगी।